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मिर्जा गालिब |
#1 हैं और भी दुनिया मे सुखनवर बहुत अच्छे,
कहतें है गालिब का अन्दाजें-बयां कुछ और ।
मिर्जा गालिब
#2 दुख देकर भी सवाल करते हो,
तुम भी गलिब् कमाल करते हो।
मिर्जा गालिब
#3 गुजर जाएगा यह दौर भी गालिब जरा इतमिनान तो रख,
खुशी ही न ठहरी तो गम की औकात क्या है।
मिर्जा गालिब
#4 हजारों खवाइशें ऐसी की हर खवाइश पर दम निकले,
बहुत निकलें मेरे अर्मान लेकिन फिर भी कम निकले।
मिर्जा गालिब
इंतिहा..
#5 यही है आजमाना तो सताना किसको कहते है,
अदु के हो लिए जब तुम तो मेरा इंतिहा क्यों
हमकों मालुम है जन्नत की हकीकत लेकिन,
दिल के खुश रखने को गालिब ख्याल अच्छा है।
मिर्जा गालिब
#6 हुई मुद्दत के मर गया गालिब मगर याद आता है,
वो हर इश्क़ बात पे कहना की यूँ होता तो क्या होता।
मिर्जा गालिब
#7 इस सादगी पर कौंन न मर जाये गालिब,
लड़ते है और हाँथ मे तलवार भी नही।
मिर्जा गालिब
#8 उनके आने से आ जाती है जो मुह पर रौनक,
वो समझते हैं की बीमार का हाल अच्छा है।
मिर्जा गालिब
#9 मेहरबां हो के बुला लो किसी भी वकत्,
मैं गया वकत् नही की फिर आ ना सकूँ।
मिर्जा गालिब
#10 इश्क़ ने गालिब निक्कमा कर दिया,
वर्ना हम भी आदमी थे काम के।
मिर्जा गालिब
#11 कहते है जीते हैं लोग उमीदों पर,
हमको तो जीने की उमीद ही नही।
मिर्जा गालिब
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