#तुम मिल गई तो मुझसे नाराज हैं खुदा,
कहता है की अब तु कुछ मांगता ही नही।
#उनकी नज़रों के कायल है हम,
तभी उनकी चाहत में घायल हैं हम।
#अक्सर हम उनका जिक्र किया करते हैं,
तभी ख्वाबो में भी हम उनका फ़िक्र किया करतें हैं।
#क्या लिखू तेरी हुसनें तारीफ मे ये मेरे चाँद,
अल्फ़ाज़ कम पड़ रहें हैं तेरे मसूमियत के आगे।
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